गढ़वाली कविता - तेरी याद किले नि आयी 

तेरी याद किले नि आयी |

तुम्थे बुलणु यो पहाड़ ||

घोर किले नि आयी |

आज बेठू छा छजमा ||

पर तेरी याद नई आयी |

सुबेर बठिक ब्याखुन्ड वे ग्या ||

पर तेर याद नि आयी 

लग्या वाला रास्ता पूण लोग हिट्नु 

पर जर्रा भी तेरी याद नी सताई 

आँखो माँ आसूं भी नि आयी 

पर तेर याद किले नई आयी 

जन्नी स्वाच की किले नी आयी याद तेरी 

तन्नी सुपन्या टूटन लगी ग्यी 

आज सोची छन मन माँ 

तेरी याद  जरूर एली 

पर भारु वेग्या गररु शायद तेरी याद इले नई आयी 

जब पोछि घारम त 

ब्वे बुबा थे सिवा सोली लगाई 

अब सोची त्यार बारम 

तू गुस्सा किले वे ग्यी 

मन नि मानी फिर भी पर तेरी याद किले नि आयी 

आज एक बार फिर तेरी याद किले नई आयी || 


लेखक - सुनील रावत 

यूट्यूब चैनल - Rawat bhai Official 

village - ढौंर पोस्ट कुणझोली 

distt - पौड़ी गढ़वाल लैंसडौन उत्तराखंड